खेत के जानवर न केवल उच्च गुणवत्ता वाले पोषण भोजन के स्रोत के रूप में योगदान करते हैं, बल्कि खाद, उर्वरक, खेत की बिजली और अन्य उप-उत्पादों का भी अच्छा स्रोत हैं। खेत में जानवर रखकर, किसान आर्थिक संभावनाओं में विविधता ला सकते हैं और जोखिम कम कर सकते हैं।
कृषि में पशुओं की भूमिका
कृषि में जानवरों की कुछ प्रमुख भूमिकाएँ इस प्रकार हैं:
- जुताई और परिवहन: घोड़ों, बैलों आदि जैसे भारवाहक जानवरों का उपयोग वृक्षारोपण के लिए खेतों को तैयार करने और कृषि वस्तुओं, उपकरणों और लोगों के परिवहन के लिए हल खींचने के लिए किया जाता है।
- उर्वरक: पशु अपशिष्ट फसलों के लिए जैविक पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है, इसलिए इसका उपयोग मिट्टी की उर्वरता और संरचना में सुधार के लिए खेतों को उर्वरित करने के लिए किया जाता है।
- खरपतवार नियंत्रण: बकरियों, भेड़ों और मवेशियों का उपयोग अक्सर खेतों में चरने के लिए किया जाता है, इस प्रकार वे खेत के चारों ओर खरपतवारों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- कीट नियंत्रण: खेत के जानवर जैसे बत्तख, मुर्गियां, हंस आदि कीड़े और लार्वा खाकर कीटों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- विविधीकरण: किसान दूध, मांस, अंडे, ऊन, खाद और अन्य उत्पादों की बिक्री के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ क्षेत्रों में, जानवरों का उपयोग छोटी मशीनरी, जैसे पानी पंप या मिलिंग उपकरण को बिजली देने के लिए किया जाता है।
- साहचर्य और सुरक्षा: खेत के कुत्ते या घोड़े जैसे जानवर, किसानों को साहचर्य प्रदान करते हैं। कुत्ते फसलों को चरने वाले जानवरों से बचाने में भी मदद करते हैं जो फसल को नष्ट कर सकते हैं।
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