बहुत से लोग सोचते हैं कि मिर्च उगाना एक बहुत जटिल प्रक्रिया है, लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि ऐसा नहीं है। मेरे अनुभव में, अगर आप अपने स्थानीय क्षेत्र के लिए उपयुक्त मिर्च की किस्म चुनते हैं, तो घर पर मिर्च का पौधा उगाना बहुत आसान हो जाता है। हम अक्सर बिना यह जांचे कि बीज हमारे क्षेत्र में उगाने लायक हैं या नहीं, ऑनलाइन स्रोतों से मिर्च के बीज खरीद लेते हैं।
इसलिए, अगर आप अपने बगीचे से प्राकृतिक रूप से उगी हुई मिर्च की फसल लेना चाहते हैं, तो पहले अपने क्षेत्र के अनुसार सही मिर्च की किस्म ढूंढने की कोशिश करें। ऐसा कैसे करें? और कहां देखें?
ज्यादा परेशान मत हो, शुरुआत में मैं भी इस पौधे को उगाने में असफल रहा था, ठीक तुम्हारी तरह। पत्तों के सिकुड़ने वाली वायरस (लीफ कर्ल वायरस) ने और भी मुश्किलें बढ़ा दीं — लेकिन अगर सही किस्म चुनी जाए तो ये समस्या नहीं आती। मैंने ये जाना कि ऑनलाइन मिर्च के बीज खरीदने की बजाय, आसपास के किसी किसान बीज भंडार पर जाकर अपने क्षेत्र के अनुसार उपयुक्त किस्म मांगना ज्यादा बेहतर होता है।
लेबल पर तापमान और मिट्टी की आवश्यकताओं को देखना न भूलें। अगर ये आपके स्थानीय क्षेत्र से मेल खाती हैं, तो बीज घर लाकर अंकुरित करना शुरू करें।
बीज से मिर्च का पौधा कैसे उगाएं

मिर्च का पौधा बीज से उगाने के लिए आपको अपने क्षेत्र के अनुसार उपयुक्त किस्म के मिर्च के बीज, कोकोपीट, वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद, अंकुरण ट्रे, पानी देने की छोटी बाल्टी (वॉटरिंग कैन) और एक पॉलीथीन शीट की आवश्यकता होगी।
- मिर्च के बीज कब बोएं: मिर्च के बीज जनवरी से मार्च और फिर जून से अक्टूबर तक बोए जा सकते हैं।
- मिर्च के बीज कैसे बोएं: मिर्च के बीज बोने के लिए 50% कोकोपीट और 50% वर्मी कम्पोस्ट मिलाकर पॉटिंग मिक्स तैयार करें और इसे अंकुरण ट्रे में भरें। अंकुरण ट्रे की हर सेल के बीच में पॉटिंग मिक्स की सतह पर एक छोटी-सी गहराई बनाएं, इसके लिए आप पेंसिल जैसे लंबे और गोल सिरे वाले वस्तु का उपयोग कर सकते हैं। हर गड्ढे में 1 से 2 बीज रखें और फिर उसे हल्की-सी पॉटिंग मिक्स की परत से ढक दें।
- पानी: बीज बोने के बाद ट्रे पर हल्के से पानी का छिड़काव करें ताकि बीज अपनी जगह से हटें नहीं। अधिक पानी देने से बचें — बस इतना सुनिश्चित करें कि पानी मिट्टी में समान रूप से फैला हो।
- ढकना: प्रक्रिया को तेज करने, पानी बचाने और उचित नमी बनाए रखने के लिए आप अंकुरण ट्रे को एक पारदर्शी पॉलीथीन शीट से ढक सकते हैं। इससे माध्यम में नमी बनी रहेगी और वह जल्दी सूखेगा नहीं।
- अंकुरण समय: मिर्च के बीज आमतौर पर 7 से 21 दिनों के भीतर अंकुरित हो जाते हैं, लेकिन कुछ किस्मों को इससे अधिक समय भी लग सकता है।
- रोपाई: जब मिर्च के पौधे लगभग 2-3 इंच लंबे हो जाएं और उनमें 2-3 जोड़े असली पत्ते आ जाएं, तब आप उनकी रोपाई शुरू कर सकते हैं।
बेहतर परिणामों के लिए, आप मिर्च के पौधे को बीजों से उगाने के लिए प्रो ट्रे नर्सरी तकनीक को भी आज़मा सकते हैं।
मिर्च के पौधे की देखभाल कैसे करें
मिर्च के पौधे की सही देखभाल के लिए आपको गमले की मिट्टी, धूप, पानी देना, खाद और कीट व रोग नियंत्रण का ध्यान रखना होता है। अगर आप इन सभी बातों का सही तरीके से पालन करते हैं, तो आपके पौधे में खूब फूल और फल आ सकते हैं।
- मिट्टी का मिश्रण: मिर्च के पौधे को ट्रांसप्लांट करने के लिए 40% बगीचे की मिट्टी, 20% कोकोपीट और 40% वर्मी कम्पोस्ट या गोबर की खाद मिलाकर एक अच्छा मिट्टी मिश्रण तैयार करें। बेहतर परिणाम के लिए इस मिश्रण में एक मुट्ठी नीम खली खाद, 2 से 4 चम्मच बोन मील और आधा चम्मच सूक्ष्म पोषक तत्व भी मिला सकते हैं।
- गमले का चयन: मिर्च के पौधों को ट्रांसप्लांट करने के लिए कम से कम 8 से 10 इंच व्यास वाला मिट्टी का गमला चुनें। आवश्यकता के अनुसार आप इससे बड़ा गमला भी ले सकते हैं। ध्यान रखें कि गमले के नीचे कम से कम एक या दो जल निकासी छेद जरूर हों, ताकि पानी सही तरीके से निकल सके।
- धूप: मिर्च के पौधे को अच्छे और स्वस्थ विकास के लिए रोज़ाना कम से कम 6 से 8 घंटे की सीधी धूप की ज़रूरत होती है। इसलिए अपने पौधे को छांव में नहीं, बल्कि तेज़ और सीधी धूप वाली जगह पर रखें।
- सिंचाई: मिर्च का पौधा तब सबसे अच्छा बढ़ता है जब मिट्टी न ज्यादा गीली हो और न ही बिलकुल सूखी। गमले की मिट्टी को हल्की नमी वाली बनाए रखें, साथ ही उसमें हवा का संचार और पानी की निकासी भी अच्छी होनी चाहिए।
- टिपिंग: मिर्च के पौधे को घना बनाने और अच्छी उपज पाने के लिए, समय-समय पर द्वितीयक शाखाओं की नोकों को हटाना जरूरी होता है। जब पौधा 1 से 2 फीट ऊँचा हो जाए, तब इसकी मुख्य शाखा की नोक को चुटकी से तोड़ दें।
- उर्वरक: मिर्च के पौधों की रोपाई के एक महीने बाद उर्वरक देना शुरू करें। पहले महीने में हर 20 दिन पर प्रति पौधा दो मुट्ठी वर्मीकम्पोस्ट और एक मुट्ठी नीम खली डालें। रोपाई के 60 दिन बाद प्रति पौधा दो मुट्ठी वर्मीकम्पोस्ट, एक चम्मच बोन मील और एक चम्मच सरसों खली का उपयोग करें। इस शेड्यूल का पालन करने से शुरुआत में पौधे की हरी पत्तियों की अच्छी बढ़वार होगी और जैसे-जैसे पौधा बढ़ेगा, फूल और फल आने में मदद मिलेगी।
- मिर्च के पौधों के सामान्य कीट: थ्रिप्स, एफिड्स, सफेद मक्खियाँ, माइट्स और फल बेधक कीट मिर्च के पौधों के कुछ आम कीट हैं। ये कीट पत्तियों का मुड़ना, पौधों की बढ़वार रुकना, फलों को नुकसान पहुँचाना और यहाँ तक कि विषाणुजनित बीमारियाँ फैलाना भी कर सकते हैं। इसलिए मिर्च के पौधों को कीटों से बचाने के लिए हर पौधे के पास एक पीली स्टिकी ट्रैप लगाएँ और हर 20 दिन में एक बार नीम का तेल छिड़कें।
- मिर्च के पौधों की सामान्य बीमारियाँ: एन्थ्रैक्नोज़, पाउडरी मिल्ड्यू, फाइटोफ्थोरा ब्लाइट, सर्कोस्पोरा पत्ती धब्बा, बैक्टीरियल पत्ती धब्बा, लीफ कर्ल और मोज़ेक जैसी बीमारियाँ मिर्च के पौधों में अक्सर देखने को मिलती हैं। स्वस्थ वृद्धि के लिए रोग प्रतिरोधी किस्म का चयन करना बहुत जरूरी है।
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